पंडित योगदेव - इन्होंने कुंभ नगर के मुनिसुव्रत नाथ चैत्यालय में बैठकर बारस अणुवेक्खा रास नामक ग्रंथ की रचना की है। यह भी 16वीं शताब्दी के प्रतीत होते हैं।